जिस प्रकार मुंबई पूरी रात जगती है ऐसा ही नजारा आपको वर्तमान में प्रयागराज कुंभ मेला का देखने को मिलेगा।
पूरी रात चहल-पहल, लोगों का आना जाना, सिर पर गठरी मठरी, हाथ में झोला।
क्या बूढ़े क्या जवान क्या बच्चे क्या महिलाएं सभी संगम की तरफ बढ़े जा रहे हैं।
सभी को पता है कि हमें किस शिविर में जाना है।
पुलिस वालों से तथा आने जाने वाले व दुकानदारों से लोग पूछते रहते हैं किंतु यहां तो महासागर है।
कुछेक संत महात्माओं के शिविर को छोड़कर छोटे-मोटे स्थानों को कोई बताने वाला नहीं है।
अर्धरात्रि के पश्चात कुछ ऐसा ही नजारा हमें देखने को मिला।
पूरी रात चहल-पहल, लोगों का आना जाना, सिर पर गठरी मठरी, हाथ में झोला।
क्या बूढ़े क्या जवान क्या बच्चे क्या महिलाएं सभी संगम की तरफ बढ़े जा रहे हैं।
सभी को पता है कि हमें किस शिविर में जाना है।
पुलिस वालों से तथा आने जाने वाले व दुकानदारों से लोग पूछते रहते हैं किंतु यहां तो महासागर है।
कुछेक संत महात्माओं के शिविर को छोड़कर छोटे-मोटे स्थानों को कोई बताने वाला नहीं है।
अर्धरात्रि के पश्चात कुछ ऐसा ही नजारा हमें देखने को मिला।
अर्ध रात्रि के बाद कुम्भ मेले का शानदार नजारा। braj bhushan iitk | |
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Non-profits & Activism | Upload TimePublished on 1 Feb 2019 |
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