प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पैसे लगते हैं उन पैसों में बच्चों को परीक्षा केंद्र पर बैठने पानी पीने मौलिक सुविधाओं की पूर्ति आदि की समुचित व्यवस्था का प्रावधान है।
वातानुकूलित कक्ष में बैठकर परीक्षा केंद्र बनाने वाले बुद्धि हीनो को यह नहीं पता कि गलियों में जिन विद्यालयों की स्थापना की गई है वहां जाने में किस प्रकार परीक्षार्थियों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
सैकड़ों किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र बनाकर आखिरी ये गन्दे लोक सेवक साबित क्या करना चाहते हैं।
इस मामले में जितनी घटिया पूर्ववर्ती सरकारें थी उससे कम गंदे वर्तमान सरकार में बैठे हुए लोग नहीं हैं।
एक एक परीक्षार्थिनी का पिता विद्यालय के लोगों से सिफारिश करता रहा किंतु मौलिक सुविधाओं के लिए उसे गेट के अंदर नहीं जाने दिया गया।
ऐसे विद्यालय के प्रबंध तंत्र प्रिंसिपल आदि को हरामखोर नहीं कहूं तो और क्या कहूँ?
वातानुकूलित कक्ष में बैठकर परीक्षा केंद्र बनाने वाले बुद्धि हीनो को यह नहीं पता कि गलियों में जिन विद्यालयों की स्थापना की गई है वहां जाने में किस प्रकार परीक्षार्थियों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
सैकड़ों किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र बनाकर आखिरी ये गन्दे लोक सेवक साबित क्या करना चाहते हैं।
इस मामले में जितनी घटिया पूर्ववर्ती सरकारें थी उससे कम गंदे वर्तमान सरकार में बैठे हुए लोग नहीं हैं।
एक एक परीक्षार्थिनी का पिता विद्यालय के लोगों से सिफारिश करता रहा किंतु मौलिक सुविधाओं के लिए उसे गेट के अंदर नहीं जाने दिया गया।
ऐसे विद्यालय के प्रबंध तंत्र प्रिंसिपल आदि को हरामखोर नहीं कहूं तो और क्या कहूँ?
खामोश! यह है UP का examination centre. बेशर्मी की हद है जनाब। braj bhushan iitk | |
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Non-profits & Activism | Upload TimePublished on 21 Jan 2019 |
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