संपूर्ण क्रांति के महानायक जयप्रकाश नारायण ने मरने से पूर्व इस कलाकार को बुलाकर सुना था गीत।
गीत के दौरान ही वह फफक पड़े थे।
5 वर्ष की उम्र में ही चेचक का प्रकोप होने से श्रीकांत वैश्य जी के दोनों आंखों की रोशनी चली गई थी।
बालक श्रीकांत के कंठ से मधुर गीतों का प्रस्फुटन हुआ तो फिर रुकने का नाम नहीं लिया।
हारमोनियम तबला ढोलक गिटार सितार सहित अन्य सभी बाद यंत्र बजाने के साथ साथ वे सभी प्रकार के गीत लिखते व गाते हैं।
आकाशवाणी इलाहाबाद में सेवारत रहे वैश्य जी द्वारा प्रशिक्षित हजारों की संख्या में उनके शिष्य आज सरकारी तथा प्राइवेट सेवाओं में होने के साथ-साथ संगीत का प्रचार प्रसार पूरे विश्व में कर रहे हैं।
महान कलाकार श्रीकांत बैश्य समूचे देश के विशेषांक बने हुए हैं।
इलाहाबाद प्रयागराज के मूल निवासी श्री श्रीकांत वैश्य के यहां आज भी काफी संख्या में हारमोनियम तबला गिटार बांसुरी के अलावा अन्य वाद्य यंत्रों के साथ संगीत सीखने के लिए भी लोग आते हैं।
श्री श्रीकांत वैश्य ने प्रेम विवाह कुमकुम जी के साथ किया जो जानी मानी कलाकार हैं।
गीत के दौरान ही वह फफक पड़े थे।
5 वर्ष की उम्र में ही चेचक का प्रकोप होने से श्रीकांत वैश्य जी के दोनों आंखों की रोशनी चली गई थी।
बालक श्रीकांत के कंठ से मधुर गीतों का प्रस्फुटन हुआ तो फिर रुकने का नाम नहीं लिया।
हारमोनियम तबला ढोलक गिटार सितार सहित अन्य सभी बाद यंत्र बजाने के साथ साथ वे सभी प्रकार के गीत लिखते व गाते हैं।
आकाशवाणी इलाहाबाद में सेवारत रहे वैश्य जी द्वारा प्रशिक्षित हजारों की संख्या में उनके शिष्य आज सरकारी तथा प्राइवेट सेवाओं में होने के साथ-साथ संगीत का प्रचार प्रसार पूरे विश्व में कर रहे हैं।
महान कलाकार श्रीकांत बैश्य समूचे देश के विशेषांक बने हुए हैं।
इलाहाबाद प्रयागराज के मूल निवासी श्री श्रीकांत वैश्य के यहां आज भी काफी संख्या में हारमोनियम तबला गिटार बांसुरी के अलावा अन्य वाद्य यंत्रों के साथ संगीत सीखने के लिए भी लोग आते हैं।
श्री श्रीकांत वैश्य ने प्रेम विवाह कुमकुम जी के साथ किया जो जानी मानी कलाकार हैं।
मृत्यु से पूर्व जयप्रकाश नारायण फफक पड़े इस कलाकार के गीत सुनकर। braj bhushan iitk | |
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Non-profits & Activism | Upload TimePublished on 26 Jan 2019 |
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