लंका पर विजय प्राप्त करने के उपरांत पुष्पक विमान से भगवान रामचंद्र सीता जी एवं लक्ष्मण के साथ हनुमान भी आए। उन्हें यही स्थान दिया गया जहां से वे अयोध्या की रखवाली करते हैं।
भगवान श्री रामचंद्र जी के दर्शन करने से पूर्व हनुमान जी का दर्शन करना एवं उनसे अनुमति लेना अनिवार्य होता है
राम दुआरे तुम रखवारे होत न आज्ञा बिनु पैसा रे।
76 सीढ़ियों को पार कर काफी ऊंचाई वाले स्थान पर हनुमान जी दिव्य रूप में स्थापित हैं। यहां आने पर मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
सुल्तान मंसूर अली के बच्चे की बची थी जान-
अवध के प्रशासक मंसूर अली का एकलौता लड़का गंभीर रूप से बीमार पड़ा इलाज के बाद भी जब जान न बचने की नौबत आई तो मंसूर अली ने रात्रि में जाकर हनुमानगढ़ी में मत्था टेका तब उनके बच्चे की सांस वापस आई।
बताते हैं मंसूर अली ने काफी कुछ निर्माण यहां कराया था।
हमने आज हनुमान जी का दर्शन कर जो पुण्य अर्जित किया है वह सारा फल हमारे तमाम मित्रों को प्राप्त हो।
भगवान श्री रामचंद्र जी के दर्शन करने से पूर्व हनुमान जी का दर्शन करना एवं उनसे अनुमति लेना अनिवार्य होता है
राम दुआरे तुम रखवारे होत न आज्ञा बिनु पैसा रे।
76 सीढ़ियों को पार कर काफी ऊंचाई वाले स्थान पर हनुमान जी दिव्य रूप में स्थापित हैं। यहां आने पर मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
सुल्तान मंसूर अली के बच्चे की बची थी जान-
अवध के प्रशासक मंसूर अली का एकलौता लड़का गंभीर रूप से बीमार पड़ा इलाज के बाद भी जब जान न बचने की नौबत आई तो मंसूर अली ने रात्रि में जाकर हनुमानगढ़ी में मत्था टेका तब उनके बच्चे की सांस वापस आई।
बताते हैं मंसूर अली ने काफी कुछ निर्माण यहां कराया था।
हमने आज हनुमान जी का दर्शन कर जो पुण्य अर्जित किया है वह सारा फल हमारे तमाम मित्रों को प्राप्त हो।
हनुमान गढ़ी अयोध्या का दिव्य दर्शन। braj bhushan iitk | |
797 Likes | 797 Dislikes |
26,515 views views | 324K followers |
Non-profits & Activism | Upload TimePublished on 27 Mar 2019 |
Không có nhận xét nào:
Đăng nhận xét